JIMMC Kanpur Radio Workshop जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन कानपुर के साकेतनगर स्थित कैम्पस में वर्ल्ड रेडियो डे के अवसर पर वर्कशॉप ऑन न्यू रेडियो का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में आईआईटी कानपुर रेडियो स्टेशन के मैनेजर अजय कुमार, संस्कृति विभाग के रेडियो जय घोष के मैनेजर दुर्गेश पाठक, दूरदर्शन न्यूज एंकर समरीन सिद्दीकी, आरजे रघु और आरजे करिश्मा ने छात्रों को रेडियो के माध्यम के जीवन में महत्व और रेडियो क्षेत्र में रोजगार के अनगिनत अवसरों की जानकारी दी।
अजय कुमार ने न्यू रेडियो कोर्स की बताई अहमियत
आईआईटी कानपुर रेडियो स्टेशन के मैनेजर अजय कुमार ने JIMMC Kanpur Radio Workshop में छात्रों से सीधा संवाद करते हुए उनसे खुद को व्यक्त करने में शर्म और झिझक छोड़कर आगे आने का आह्वान किया और तेजी से आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेने की भावना विकसित करने को कहा।
कार्यक्रम की झलकियां
अजय कुमार ने कहा कि आप किसी भी स्ट्रीम के छात्र हों यदि आप को लोगों तक अपनी बात पहुंचाने, लोगों को अपना बनाने की चाहत है या शौक है तो जिम्सी का न्यू रेडियो कोर्स आपके लिए है। आप रेडियो की किसी भी शाखा का चुनाव कर अपना करियर बना सकते हैं। कम्युनिकेशन का स्किल डेवलप कर जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा श्रेष्ठ नागरिक बनना सिखाता है रेडियो
संस्कृति विभाग के रेडियो जय घोष के मैनेजर दुर्गेश पाठक ने कहा कि वर्ल्ड रेडियो डे पर आज JIMMC Kanpur Radio Workshop में जो चर्चाएं हुईं और आरजे करिश्मा और रघु ने जो मंत्र (टिप्स) दिये हैं यदि उन्हें बुलेट पाइंट बनाकर आप लोगों के बीच सर्कुलेट कर दिया जाए तो छात्र किसी भी फील्ड का हो वह अच्छा नागरिक और अच्छा व्यक्ति बन सकता है।
उन्होंने कहा कि 90 फीसदी लोगों की आवाज अच्छी होती है हाव भाव, भाषा के हिसाब से वायस का परिमार्जन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पहले रेडियो के एंकर और समाचार वाचक खुद को रेडियो के भीतर ही सीमित रखते थे अब उनकी आवाज का जादू वायस ओवर से जीवन के हर आयाम में व्याप्त हो चुका है।
समरीन सिद्दीकी की खास सलाह
दूरदर्शन की समाचार वाचक व एंकर समरीन सिद्दीकी ने बहुत ही सारगर्भित बात कही उन्होंने छात्रों से सीधे मुखातिब होते हुए। तीन टिप्स दिये। उन्होंने कहा न्यूज के बारे में बात करें या रेडियो के बारे में। कामन चीज ये है कि आपका तलफ्फुज (उच्चारण), मॉड्यूलेशन और इम्प्राम्प्ट की नॉलेज होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि तलफ्फुज यानी उच्चारण को आप टंग एक्सरसाइज से दुरुस्त कर सकते हैं। वायस के सही उतार चढ़ाव का अभ्यास करके आप लोगों तक अपनी आवाज स्पष्ट रूप में पहुंचा सकते हैं। और इम्प्राप्ट के जरिये आप दूसरों के सामने या अपनी ऑडियेंस के सामने खुद को पेश कर सकते हैं। इसके लिए कोई मौका छोड़ना नहीं चाहिए और स्टेज के जरिये आप इसमें महारत हासिल कर सकते हैं।
आरजे रघु रफ्तार बांधा समां
इससे पूर्व आरजे रघु रफ्तार के मंच पर आते ही छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। रघु ने छात्रों से कहा आज आरजे के रूप में ही नहीं हर फील्ड के लोगों की रेडियो में गुंजाइश बढ़ती जा रही है। चाहे वह किसी भी फील्ड का छात्र हो आप को रेडियो को एक माध्यम मानकर चलना चाहिए और उसके जरिये अपनी ऑडियेंस से मुखातिब होने की कला सीखनी चाहिए जो कि जीवन के हर क्षेत्र में आपके काम आएगी।
आरजे करिश्मा की खास बात
फेमस आरजे करिश्मा ने छात्रों से धैर्य पूर्वक बातों को सुनकर जवाब देने की स्किल्स डेवलप करने की टिप्स दीं। दोनों आरजे ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिये।
आरजे करिश्मा ने कहा आप पब्लिक डायलॉग कर रहे हों या कहीं भी किसी से संवाद कर रहे हों। आप में दूसरे को सुनने और समझने की क्षमता का होना बहुत जरूरी है।
करिश्मा ने कहा एक आरजे अपनी ऑडियेंस से बात करते समय एक ही समय में किसी के गम में शरीक हो सकता है तो दूसरे क्षण वह किसी दूसरी काल पर खुशी साझा करता नजर आ सकता है। आप को स्थितियों के हिसाब से खुद को बदलने की कला आनी चाहिए। रेडियो के जरिये आप अपना व्यक्तित्व बना और संवार सकते हैं। क्योंकि यह जीवन में सब कहीं काम आएगी।
इससे पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर धीरज शर्मा ने फिल्मों की क्लिप्स के माध्यम से छात्रों को वायस ओवर के महत्व और तेजी से बढ़ती डिमांड के बारे में जानकारी दी।
एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्ण वाजपेयी ने जिम्सी के पूर्व निदेशक एसपी त्रिपाठी को पौधा भेंट किया।
कार्यक्रम का संचालन जिम्सी के छात्र मलाइका गुप्ता और यश वाटवानी ने किया।
JIMMC Kanpur Radio Workshop में इनकी रही उपस्थिति
सेमिनार में आईआईटी रेडियो के स्टेशन मैनेजर अजय कुमार, उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग के रेडियो स्टेशन जयघोष लखनऊ के प्रभारी दुर्गेश पाठक, लखनऊ दूरदर्शन की न्यूज रीडर व आरजे समरीन सिद्दीकी, रेडियो सिटी की आरजे करिश्मा, आरजे रघु रफ्तार, जिम्मी के पूर्व निदेशक एसपी त्रिपाठी, जिम की निदेशक सुश्री दिव्या चौधरी, डीन एकेडमिक अनिल सिंह, जिडा के निदेशक अमरदीप सिंह, जागरण एजुकेशन फाउंडेशन की ग्राफिक डिजाइनर व कापी एडीटर अक्षिता वर्मा उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन जिम्सी निदेशक प्रो उपेंद्र नाथ पांडे ने किया।